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कानपुर न्यूज़: लव मैरिज के 77 दिन बाद पति-पत्नी एक ही दुपट्टे पर झूलते मिले, पुलिस जांच जारी

कानपुर न्यूज़: लव मैरिज के 77 दिन बाद पति-पत्नी एक ही दुपट्टे पर झूलते मिले, पुलिस जांच जारी

कानपुर: लव मैरिज के 77 दिन बाद पति-पत्नी एक ही दुपट्टे पर झूलते मिले, पोस्टमार्टम के बाद पुलिस जांच तेज

Love Marriage Suicide Kanpur: साजिद और सोफिया ने 17 जून को निकाह किया था; घटना से पहले बाजार गए, लौटकर कमरा बंद किया—परिजन व मोहल्ला सदमे में

| स्थान: कानपुर | अपडेटेड: 03 सितम्बर 2025

मुख्य बातें (Key Points)

  • कानपुर में प्रेम विवाह के 77 दिन बाद पति-पत्नी एक ही दुपट्टे से लटके मिले।
  • मृतकों की पहचान साजिद और सोफिया के रूप में; दोनों ने 17 जून को निकाह किया था।
  • घटना से पहले दोनों बाजार गए और सामान्य रूप से घर लौटे—परिजनों के मुताबिक किसी बड़े विवाद की जानकारी नहीं।
  • पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया; अपराधिक कोण सहित हर एंगल से जांच शुरू।

घटना का पूरा विवरण

कानपुर शहर के एक आवासीय मोहल्ले में मंगलवार की देर शाम उस समय हड़कंप मच गया जब नवविवाहित जोड़ा—साजिद और सोफिया—अपने कमरे में एक ही दुपट्टे से लटके पाए गए। परिवार के सदस्यों ने दरवाजा खटखटाया तो अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। काफी देर तक आवाज देने के बाद जब दरवाजा नहीं खुला, तो परिजनों ने पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा। अंदर का दृश्य देखकर सभी के होश उड़ गए—दोनों एक ही दुपट्टे से एक साथ लटके हुए थे।

सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुँची और कमरे का पंचनामा तैयार किया। प्रारंभिक पड़ताल में कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एफएसएल टीम ने भी मौके से फिंगरप्रिंट, दुपट्टा, और कुछ अन्य नमूने एकत्र किए हैं ताकि तकनीकी विश्लेषण किया जा सके।

कौन थे साजिद और सोफिया?

पड़ोसियों की मानें तो साजिद शांत स्वभाव के युवक थे और नजदीकी बाजार में काम देखते थे। सोफिया ने हाल ही में स्थानीय इंटर कॉलेज से पढ़ाई पूरी की थी। दोनों के बीच कई सालों से परिचय था जो धीरे-धीरे प्रेम में बदला। 17 जून को परिवार की रज़ामंदी से निकाह हुआ। शादी के बाद शुरुआती दिनों में दोनों को कई बार साथ देखा गया—किराने की खरीदारी, छत पर चाय, और शाम को साथ टहलना। घटना वाले दिन भी दोनों दोपहर के समय बाजार गए थे और वापसी में कुछ घरेलू सामान लेकर आए थे।

परिजनों का कहना है कि शादी के बाद से किसी तरह के बड़े विवाद की बात सामने नहीं आई। हालांकि, पुलिस सूत्रों के मुताबिक “व्यक्तिगत मतभेद” या “आर्थिक दबाव” जैसे पहलुओं की भी जांच की जा रही है। परिवार को इस बात का मलाल है कि यदि दोनों किसी तनाव से गुजर रहे थे तो उन्होंने बात साझा क्यों नहीं की।

परिवार व पड़ोस का माहौल—सदमे के साथ सवाल

घटना के बाद घर के बाहर भीड़ जमा हो गई। महिलाओं में रोना-पीटना मचा रहा, जबकि पुरुष एक दूसरे से वजह पूछते दिखाई दिए। पड़ोसी इमरान कहते हैं, “दोनों हमेशा साथ दिखते थे, मुस्कराते हुए। हमें अंदाजा तक नहीं था कि इतना बड़ा कदम उठा लेंगे।” सोफिया की करीबी सहेली ने बताया कि पिछले सप्ताह उसने सोफिया से फोन पर बात की थी; बातचीत सामान्य रही, कोई तनाव झलकता नहीं था।

“अगर वे किसी दिक्कत में थे तो बताना चाहिए था। परिवार है, दोस्त हैं, मदद मिल जाती।” — पड़ोसी महिला

पुलिस की कार्रवाई—हर एंगल से जांच

थाने के प्रभारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट मिलते ही मौत का कारण स्पष्ट होगा—क्या यह आत्महत्या है या किसी अन्य संदिग्ध परिस्थिति में मृत्यु। पुलिस ने दंपती के मोबाइल फोन, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और सोशल मीडिया गतिविधि का भी विश्लेषण शुरू किया है। विवाह के केवल 77 दिनों के भीतर हुई इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने अपराधिक साजिश की संभावना से भी इंकार नहीं किया है, हालांकि फिलहाल किसी के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज नहीं हुई।

जांच अधिकारी बताते हैं कि क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्शन कराया जा रहा है—दुपट्टे की मजबूती, फंदे की ऊंचाई, कुंडी का एंगल, और कमरे की बनावट तक की तस्वीरें एक-एक करके खंगाली जा रही हैं। परिवार के सदस्यों और नजदीकी दोस्तों के बयान दर्ज हो रहे हैं। अगर किसी तरह का उत्पीड़न, धमकी या ब्लैकमेल का कोण निकलता है, तो संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई होगी।

समयरेखा: 77 दिनों की झलक

  • 17 जून: परिवार की सहमति से साजिद-सोफिया का निकाह।
  • जुलाई-अगस्त: सामान्य वैवाहिक जीवन; कोई बड़ा विवाद सार्वजनिक नहीं।
  • घटना वाला दिन: दोपहर में बाजार की खरीदारी, शाम को कमरा बंद; कुछ घंटे बाद संदिग्ध मौत।
  • बाद की कार्रवाई: पुलिस की मौके पर पहुँच, साक्ष्य संकलन, पोस्टमार्टम और विस्तृत जांच।

विश्लेषण: प्रेम विवाह, सामाजिक दबाव और मानसिक स्वास्थ्य

ऐसी घटनाएँ केवल पुलिस फाइलों में दर्ज केस नहीं होतीं; ये समाज के भीतर मौजूद अदृश्य तनावों का आईना भी हैं। प्रेम विवाह कई बार परिवार की सहमति के साथ भी सामाजिक सवालों से घिरा रहता है—रिश्तेदारी का दबाव, आर्थिक उम्मीदें, नई जिम्मेदारियाँ, और भविष्य को लेकर असुरक्षा। 77 दिनों जैसे छोटे समय में किसी रिश्ते का अंत होना बताता है कि कहीं न कहीं भावनात्मक सहारा, संवाद और काउंसलिंग की कमी रह गई होगी।

विशेषज्ञ मानते हैं कि नवविवाहित जोड़ों में एडजस्टमेंट डिसऑर्डर, वित्तीय तनाव, वर्क-लाइफ संतुलन और परिवार से अपेक्षाएँ—ये सब मिलकर मानसिक थकान पैदा कर सकते हैं। यदि timely सपोर्ट न मिले, तो व्यक्ति आवेग में खतरनाक फैसला ले बैठता है। इसलिए शादी के शुरुआती महीनों में परिवार और मित्रों को सतर्क रहना चाहिए—बदलते व्यवहार, अति-चुप्पी, नींद या भूख की कमी, लगातार विवाद, या निराशा जैसे संकेत मदद मांगते हैं।

जनहित सूचना: मदद कहाँ मिलेगी?

यदि आप या आपका कोई परिचित मानसिक स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है, तो तुरंत मदद लें। नजदीकी सरकारी अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग, जिले के काउंसलिंग केंद्र, या विश्वसनीय हेल्पलाइन से संपर्क करें। परिजनों से खुलकर बात करें और अकेले निर्णय न लें।

कानूनी पहलू: असामान्य मृत्यु (U/D) और आगे की प्रक्रिया

कानूनन, ऐसी घटनाओं में पुलिस असामान्य मृत्यु (U/D) के तहत केस दर्ज करती है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफएसएल राय और गवाहों के बयान के आधार पर आगे IPC की धाराएँ जोड़ी जाती हैं। यदि दहेज उत्पीड़न, प्रताड़ना या उकसावे का कोण निकलता है, तो सम्बंधित धाराओं में कार्रवाई संभव है। जांच के दौरान इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य—चैट, ईमेल, कॉल रिकॉर्ड—महत्वपूर्ण होते हैं और अदालत में साबित किए जा सकते हैं।

सोशल मीडिया की जिम्मेदारी

घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें फैलने लगीं—कुछ पोस्ट्स में बिना पुष्टि के निजी फोटो व आरोप साझा किए गए। यह प्रवृत्ति न केवल इनवेस्टीगेशन को प्रभावित करती है, बल्कि शोकग्रस्त परिवार को भी आघात पहुँचाती है। न्यूज़ कंज्यूमर्स से अनुरोध है कि केवल विश्वसनीय स्रोतों पर भरोसा करें और अफवाह फैलाने से बचें।

एडिटोरियल नोट

Temtam News संवेदनशील घटनाओं की रिपोर्टिंग में Responsible Journalism के मानकों का पालन करता है: मृतकों की गरिमा, परिवार की निजता, और जांच एजेंसियों के कामकाज का सम्मान। इस रिपोर्ट में प्रकाशित सभी तथ्य पुलिस, परिजन और स्थानीय स्रोतों से प्राप्त प्राथमिक जानकारी पर आधारित हैं। पोस्टमार्टम और जांच रिपोर्ट के बाद उपलब्ध नए तथ्यों के अनुसार खबर अद्यतन की जाएगी।

FAQ: पाठकों के प्रमुख सवाल

1) क्या सुसाइड नोट मिला?

फिलहाल सुसाइड नोट मिलने की पुष्टि नहीं है। पुलिस कमरे से बरामद सामग्री और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की जांच कर रही है।

2) शादी कब हुई थी?

परिजनों के अनुसार निकाह 17 जून को हुआ था। यह घटना विवाह के लगभग 77 दिन बाद सामने आई।

3) आगे क्या होगा?

पोस्टमार्टम रिपोर्ट और एफएसएल राय के आधार पर पुलिस उचित धाराओं में केस दर्ज कर सकती है। यदि किसी तरह की प्रताड़ना या उकसावे के साक्ष्य मिलते हैं, तो गिरफ्तारी भी संभव है।

4) क्या परिवारों में पहले से विवाद था?

परिजनों ने प्रारंभिक तौर पर किसी बड़े विवाद से इनकार किया है। हालांकि, जांच एजेंसियां हर एंगल से तथ्यों की पुष्टि कर रही हैं।

Internal Links / संबंधित खबरें

डिस्क्लेमर: आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है। संकट में हों तो निकटतम सहायता केंद्र या परिवार/दोस्तों से संपर्क करें। यह रिपोर्ट उपलब्ध प्रारंभिक सूचनाओं पर आधारित है; नए तथ्य मिलने पर अपडेट किया जाएगा।

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