Advertisement

Responsive Advertisement

मध्यप्रदेश लाड़ली बहना योजना: राशि रोकने पर विवाद, नाम कटने से बढ़ी चिंता – जानें पूरी जानकारी

 

लाड़ली बहना योजना, Ladli Behna Yojana, MP Ladli Behna, मध्यप्रदेश महिला योजना, राशि रोकी गई, नाम कटे, Samagra Portal, महिला सशक्तिकरण योजना, ₹1,500 Ladli Behna, DBT, मुख्यमंत्री मोहन यादव, शिवराज सिंह चौहान, 20वीं किस्त, 1.63 लाख महिलाएं, 3.5 लाख नाम डिलीट, 16 महीने बंद रजिस्ट्रेशन, भाई दूज घोषणा, 2028 लक्ष्य, वित्तीय संकट, विपक्ष के आरोप, महिला एवं बाल विकास विभाग, बैंक खाता लिंक, आधार लिंक, आयु सीमा 21-60, आय सीमा ₹2.5 लाख, विधवा महिलाएं, तलाकशुदा महिलाएं, ग्रामीण महिलाएं, शाजापुर कार्यक्रम, महिला सम्मान दिवस, महिला वोट बैंक, महिला अधिकार, महिला योजनाएं, MP politics, चुनावी मुद्दा, आर्थिक सशक्तिकरण, योजना लाभार्थी, लाड़ली बहना किस्त, मध्यप्रदेश सरकारी योजना, महिलाओं का भविष्य, Digital India, DBT Scheme, Ladli Bahna Registration, Samagra ID Update, Financial Inclusion, Women Empowerment MP, Social Scheme MP, Direct Benefit Transfer MP

लाड़ली बहना योजना (Ladli Behna Yojana) मध्यप्रदेश की सबसे चर्चित सामाजिक योजनाओं में से एक है। इस योजना ने लाखों महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन हाल ही में इस योजना से जुड़े कई विवाद सामने आ रहे हैं—किसी का नाम अचानक पोर्टल से हट गया, किसी की राशि नहीं आई, और अधिकारी वजह बताने में असमर्थ हैं। आइए जानते हैं, इस योजना की पूरी कहानी, ताज़ा अपडेट और इसके भविष्य से जुड़े सवाल।


लाड़ली बहना योजना क्या है? – उद्देश्य और शुरुआत

लाड़ली बहना योजना की शुरुआत 5 मार्च 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। इसका मुख्य उद्देश्य था:

महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना।

परिवार की आर्थिक स्थिति को मज़बूत करना।

महिलाओं को घरेलू निर्णयों में स्वतंत्रता दिलाना।

शुरुआत में पात्र महिलाओं को ₹1,000 प्रति माह देने का प्रावधान था। बाद में अक्टूबर 2023 में यह राशि ₹1,250 कर दी गई। और अगस्त 2025 में इसे बढ़ाकर ₹1,500 प्रति माह कर दिया गया है।


कौन-कौन महिलाएं हैं पात्र? (Eligibility Criteria)

1. आयु सीमा: 21 से 60 वर्ष तक की महिलाएं।

2. निवास: मध्यप्रदेश की स्थायी निवासी होनी चाहिए।

3. आय सीमा: परिवार की वार्षिक आय ₹2.5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।

4. वैवाहिक स्थिति: विवाहित, विधवा, तलाकशुदा महिलाएं पात्र हैं।

5. टैक्सपेयर परिवार की महिलाएं पात्र नहीं हैं।


नाम क्यों काटे जा रहे हैं? (Names Being Removed)

हाल के महीनों में 1.63 लाख महिलाओं के नाम योजना से हटाए गए। मुख्य कारण:

60 वर्ष की आयु पूरी हो जाना।

Aadhaar या बैंक खाता लिंक न होना।

Samagra Portal पर डेटा अपडेट न होना।

पात्रता की शर्तों का पालन न करना।

महिला एवं बाल विकास विभाग का कहना है कि केवल उन्हीं महिलाओं के नाम हटाए गए हैं जो अब पात्रता मानदंड में नहीं आतीं।


Samagra Portal की गड़बड़ी – 3.5 लाख नाम डिलीट

पिछले दो सालों में लगभग 3.5 लाख महिलाओं के नाम Samagra Portal से हट गए। यह समस्या खासकर अगर मालवा (Agar Malwa) और बेतूल (Betul) जैसे जिलों में सामने आई। अधिकारियों ने स्वीकारा कि तकनीकी गड़बड़ियों के कारण कई वैध लाभार्थियों के नाम भी हटे हैं।


नए रजिस्ट्रेशन क्यों नहीं हो रहे?

अगस्त 2023 से नए रजिस्ट्रेशन बंद हैं। यानी पिछले 16 महीनों में एक भी नई महिला योजना में शामिल नहीं हुई।

सरकार का तर्क:

> “वर्तमान लाभार्थियों को नियमित भुगतान सुनिश्चित करने पर हमारा ध्यान है। नए पंजीकरण जल्द खोले जाएंगे।” – महिला एवं बाल विकास मंत्री


राशि में बढ़ोतरी – ₹1,250 से ₹1,500

8 अगस्त 2025 को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की कि:

भाई दूज से हर महिला को ₹1,500 प्रति माह मिलेगा।

2028 तक इसे ₹3,000 प्रति माह करने का लक्ष्य है।

यह घोषणा महिलाओं के लिए राहत की खबर रही, लेकिन मौजूदा समस्याओं पर सवाल अब भी बने हुए हैं।


20वीं किस्त – कब आई और क्या खास रहा?

12 जनवरी 2025 को शाजापुर के कालापीपल से 20वीं किस्त जारी की गई।

प्रत्येक महिला के खाते में ₹1,250 DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से डाले गए।

कार्यक्रम को ‘महिला सम्मान दिवस’ की तरह मनाया गया।

हालांकि, कई जिलों में किस्त आने में देरी और खाते से जुड़ी तकनीकी दिक्कतों की शिकायतें मिलीं।


राजनीतिक विवाद – विपक्ष बनाम सरकार

कांग्रेस का आरोप:

> “सरकार योजना को चुनावी हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है। नाम काटकर आंकड़े घटाए जा रहे हैं।”

सरकार का जवाब:

> “योजना पारदर्शी है। केवल पात्र लाभार्थियों को राशि दी जा रही है। विपक्ष आधारहीन आरोप लगा रहा है।”


वित्तीय बोझ – क्या योजना खतरे में है?


योजना पर हर माह ₹1,600 करोड़ का खर्च आ रहा है।

वित्तीय दबाव के कारण अन्य 370 विकास योजनाएं रोक दी गईं।

दिसंबर 2024 में राज्य सरकार को किस्त देने के लिए कर्ज लेना पड़ा।

वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है:

> “अगर फंडिंग का स्थायी स्रोत नहीं मिला तो योजना की निरंतरता पर असर पड़ सकता है।”


महिला सशक्तिकरण पर असर

सकारात्मक पक्ष:

महिलाओं को खुद का खर्च चलाने में मदद।

घरेलू आर्थिक निर्णयों में भागीदारी बढ़ी।

ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक बदलाव।

नकारात्मक पक्ष:

भुगतान में देरी।

पात्र महिलाओं के नाम कटना।

राजनीतिकरण से विश्वास में कमी।


भविष्य क्या है? – आगे का रोडमैप

नए रजिस्ट्रेशन जल्द खोलने का आश्वासन।

राशि धीरे-धीरे ₹3,000 प्रति माह करने का वादा।

पारदर्शिता बढ़ाने के लिए Samagra Portal को अपग्रेड करने की योजना।


निष्कर्ष

लाड़ली बहना योजना ने लाखों महिलाओं को आर्थिक मजबूती दी है, लेकिन वर्तमान चुनौतियां इसके भविष्य पर सवाल उठा रही हैं। नाम कटना, राशि रोकना, तकनीकी गड़बड़ियां और वित्तीय संकट जैसी समस्याओं का समाधान जरूरी है। अगर सरकार वादों पर अमल करती है और पारदर्शिता बनाए रखती है, तो यह योजना वास्तव में महिलाओं के जीवन में बदलाव ला सकती है।


Tag

लाड़ली बहना योजना, Ladli Behna Yojana, MP Ladli Behna, मध्यप्रदेश महिला योजना, राशि रोकी गई, नाम कटे, Samagra Portal, महिला सशक्तिकरण योजना, Ladli Behna yojana new update, DBT, मुख्यमंत्री मोहन यादव, शिवराज सिंह चौहान, 20वीं किस्त, 1.63 लाख महिलाएं, 3.5 लाख नाम डिलीट, 16 महीने बंद रजिस्ट्रेशन, भाई दूज घोषणा, 2028 लक्ष्य, वित्तीय संकट, विपक्ष के आरोप, महिला एवं बाल विकास विभाग, बैंक खाता लिंक, आधार लिंक, आयु सीमा 21-60, आय सीमा ₹2.5 लाख, विधवा महिलाएं, तलाकशुदा महिलाएं, ग्रामीण महिलाएं, शाजापुर कार्यक्रम, महिला सम्मान दिवस, महिला वोट बैंक, महिला अधिकार, महिला योजनाएं, MP politics, चुनावी मुद्दा, आर्थिक सशक्तिकरण, योजना लाभार्थी, लाड़ली बहना किस्त, मध्यप्रदेश सरकारी योजना, महिलाओं का भविष्य, Digital India, DBT Scheme, Ladli Bahna Registration, Samagra ID Update, Financial Inclusion, Women Empowerment MP, Social Scheme MP, Direct Benefit Transfer MP.

Post a Comment

0 Comments